मोती धारण करने के लाभ और विधि जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से

 

मोती धारण करने के लाभ और विधि जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से

मोती धारण करने के लाभ और विधि जानें दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से

मोती धारण करना प्राचीन काल से ही ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण उपाय माना गया है। दुर्ग भिलाई के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य लक्ष्मी नारायण जी के अनुसार, मोती न केवल सौंदर्य बढ़ाने के लिए पहना जाता है, बल्कि यह कई ज्योतिषीय और स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी प्रदान करता है।

मोती की विशेषताएं

मोती को चंद्रमा से संबंधित रत्न माना जाता है, जो शांति, धैर्य, और मानसिक स्थिरता का प्रतीक है। मोती का रंग सफेद और चमकदार होता है, और यह अपनी शीतलता और कोमलता के लिए जाना जाता है। इसे पहनने से मन में शांति और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, उन्हें मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त, यह उन व्यक्तियों के लिए भी फायदेमंद है जो मानसिक तनाव, अनिद्रा या अस्थिरता से ग्रस्त होते हैं।

मोती धारण करने के लाभ

  1. मानसिक शांति: मोती धारण करने से मानसिक तनाव में कमी आती है और मन की शांति बनी रहती है। यह अनिद्रा के रोगियों के लिए भी लाभकारी है।

  2. भावनात्मक स्थिरता: यह रत्न भावनात्मक अस्थिरता को नियंत्रित करने में मदद करता है और मन को स्थिर रखता है। जिन लोगों को बार-बार मूड स्विंग्स होते हैं, उनके लिए मोती धारण करना अत्यधिक लाभदायक होता है।

  3. रिश्तों में मधुरता: मोती रिश्तों में प्रेम और मधुरता बढ़ाने में सहायक होता है। यह पति-पत्नी के संबंधों में सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है।

  4. सकारात्मक ऊर्जा: मोती नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक वातावरण बना रहता है।

  5. शारीरिक स्वास्थ्य: मोती धारण करने से रक्तचाप, हृदय रोग, और त्वचा संबंधी समस्याओं में भी राहत मिलती है।

मोती धारण करने की विधि

ज्योतिष लक्ष्मी नारायण जी के अनुसार, मोती धारण करने का सही समय और विधि बेहद महत्वपूर्ण है। मोती को सोमवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है, खासकर उस समय जब चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में हो। मोती को चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए और इसे दाएं हाथ की छोटी उंगली में पहनना चाहिए।

धारण करने से पहले मोती को गंगा जल या शुद्ध पानी में डुबोकर साफ करें और भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद, इस मंत्र का जाप करें:

"ॐ सों सोमाय नमः।"

इसके बाद मोती को अंगूठी में धारण करें। यह सुनिश्चित करें कि मोती शुद्ध और बिना किसी दोष के हो, क्योंकि दोषयुक्त मोती से विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

निष्कर्ष

मोती धारण करना न केवल ज्योतिषीय दृष्टिकोण से लाभकारी है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। दुर्ग भिलाई के ज्योतिष लक्ष्मी नारायण जी के अनुसार, मोती को सही विधि और समय पर धारण करने से इसके सर्वोत्तम लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। इसलिए, अगर आप मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और जीवन में सकारात्मकता लाना चाहते हैं, तो मोती धारण करना एक उत्कृष्ट उपाय है।


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